Facts About hanuman chalisa Revealed
Facts About hanuman chalisa Revealed
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श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मन मुकुर सुधारि।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥ चारों जुग परताप तुह्मारा ।
सबकी न कहै, तुलसी के मतें इतनो जग जीवनको फलु है ॥
Hanuman Chalisa is really a timeless ode to devotion Lord Hanuman is recognized for his devotion to Lord Ram and is also regarded as the embodiment of faith, surrender, and devotion.
“You flew toward the Solar who's thousands of yrs of Yojanas absent, considering him as being a sweet fruit.”
“Hanuman will release These from problems who meditate upon him within their head, steps and text.”
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You can even learn about The key health and wealth great things about studying, chanting and reciting it day by day if completed with devotion and like.
“He whoever reads these verses on Hanuman, he will get spiritual attainments, Lord Shiva could be the witness to this click here assertion.”
भावार्थ– हे हनुमान् स्वामिन् ! आपकी जय हो ! जय हो !! जय हो !!! आप श्री गुरुदेव की भाँति मेरे ऊपर कृपा कीजिये।
व्याख्या – उपमा के द्वारा किसी वस्तु का आंशिक ज्ञान हो सकता है, पूर्ण ज्ञान नहीं। कवि–कोविद उपमा का ही आश्रय लिया करते हैं।
भावार्थ – आपने अत्यन्त विशाल और भयानक रूप धारण करके राक्षसों का संहार किया और विविध प्रकार से भगवान् श्री रामचन्द्रजीं के कार्यों को पूरा किया।
भावार्थ — हे हनुमान जी ! आपके पास कोई किसी प्रकार का भी मनोरथ [ धन, पुत्र, यश आदि की कामना] लेकर आता है, (उसकी) वह कामना पूरी होती है। इसके साथ ही ‘अमित जीवन फल’ अर्थात् भक्ति भी उसे प्राप्त होती है।
भावार्थ – आप अपने स्वामी श्री रामचन्द्र जी की मुद्रिका [अँगूठी] को मुख में रखकर [सौ योजन विस्तृत] महासमुद्र को लाँघ गये थे। [आपकी अपार महिमा को देखते हुए] इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है।